नित्य कर्मकांड पूजा पाठ शास्त्रीय विधान॥ गुरु वन्दना॥

गुरु व्यक्ति तक सीमित नहीं, वह एक दिव्य चेतन प्रवाह ईश्वर का ही एक अंश होता है। परीक्षा लेकर पास फेल करने वाले तथा पास में बिठाकर पढ़ाने वाले दोनों ही शिक्षक कहे जाते हैं। चेतना का एक अंश जो अनुशासन व्यवस्था बनाता, उसका फल देता है- वह ईश्वर है, दूसरा अंश जो अनुशासन मर्यादा … Read more