विष्णु सहस्त्रनाम पाठ के लाभ

विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करने के अनेक लाभ हैं। इससे मनोकामनाएं पूरी होती हैं, जीवन निर्वाह सहज होता है, और भगवान विष्णु की कृपा से सभी काम आसानी से बनते हैं। यह बृहस्पति की पीड़ा को दूर करने में भी मदद करता है और सभी ग्रहों और नक्षत्रों को नियंत्रित करने में भी सहायक है. :

विष्णु सहस्त्रनाम पाठ के लाभ:
मनोकामनाएं पूरी होती हैं:
विष्णु सहस्त्रनाम के पाठ से भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं और भक्तों की मनोकामनाएं पूरी करते हैं.
जीवन निर्वाह सहज होता है:
यह पाठ जीवन के विभिन्न पहलुओं में सहजता प्रदान करता है और सुख-समृद्धि लाता है.
सभी काम आसानी से बनते हैं:
विष्णु सहस्त्रनाम के पाठ से भगवान विष्णु की कृपा से सभी कार्य आसानी से बनते हैं.
बृहस्पति की पीड़ा दूर होती है:
यह पाठ बृहस्पति ग्रह की पीड़ा को दूर करने में सहायक है, जो कुंडली में कमजोर या नीच स्थिति में होने पर समस्याएं पैदा कर सकता है.
सभी ग्रहों और नक्षत्रों को नियंत्रित करता है:
विष्णु सहस्त्रनाम के अद्भुत श्लोक हर ग्रह और नक्षत्र को नियंत्रित करने की क्षमता रखते हैं.
पापों से मुक्ति मिलती है:
यह पाठ सभी प्रकार के पापों से मुक्ति दिलाने में मदद करता है.
रोगों से मुक्ति मिलती है:
विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ शारीरिक और मानसिक रोगों से मुक्ति दिलाने में सहायक है.
धन और समृद्धि का आगमन होता है:
भगवान विष्णु को सृष्टि का पालनकर्ता माना जाता है, और उनकी कृपा से जीवन में धन, समृद्धि और सौभाग्य का आगमन होता है.
वैवाहिक जीवन में बाधाएं दूर होती हैं:
विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ पूरे विधि-विधान से करने से जातक के विवाह में आ रही बाधाएं भी दूर होने लगती हैं.
संतान उत्पत्ति में मदद करता है:
जिन लोगों को संतान उत्पत्ति में कठिनाई हो रही है, उन्हें भी विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करना चाहिए.
मन शांत रहता है:
यह पाठ मन से भय और तनाव को दूर करने में मदद करता है और शांति प्रदान करता है.
घर-परिवार में सुख-समृद्धि का वास रहता है:
विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करने से घर-परिवार में सुख-समृद्धि का वास बना रहता है.
भाग्योदय होता है:
विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करने से भाग्योदय होता है और जीवन में उन्नति मिलती है.
कार्यक्षेत्र में प्रगति होती है:
गुरुवार को इसका पाठ करने से कार्यक्षेत्र में खूब प्रगति होती है.
शुद्ध वातावरण:
यह मंत्र आपके घर से अशुद्धियों को बाहर निकालने में मदद करता है जिससे आपके घर का वातावरण शुद्ध रहता है.
विष्णु सहस्त्रनाम पाठ कब करना चाहिए?
-जब कुंडली में बृहस्पति नीच में हो या बहुत कमजोर हो.
-जब कुंडली में बृहस्पति 6, 8, या 12वें भाव से भ्रमण कर रहा हो.
-जब कुंडली में बृहस्पति के कारण पेट या लिवर की समस्या हो.
-जब संतान उत्पत्ति में या वैवाहिक जीवन में बाधा आ रही हो.
-गुरुवार के दिन करना सबसे अच्छा माना जाता है.
विष्णु सहस्त्रनाम पाठ कैसे करें?
-स्नान करें और साफ वस्त्र धारण करें.
-भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी को स्मरण करें.
-पूरे ध्यान और श्रद्धा से पाठ करें.
-सात्विक वैष्णव भोजन ग्रहण करें.
-पीले वस्त्र धारण करें और पीली मिठाई का भोग लगाएं.
-बृहस्पतिवार शाम को नमक का सेवन न करें.
सावधानियां:
-पाठ करते समय नियमों का पालन करना आवश्यक है.
-सात्विक भोजन ग्रहण करें.
-बृहस्पतिवार को नमक का सेवन न करें.
यह पाठ सभी के लिए फायदेमंद है, खासकर उन लोगों के लिए जो जीवन में सफलता और खुशहाली चाहते हैं.

विष्णु सहस्रनाम भगवान विष्णु के एक हजार नामों का संग्रह है, जिसे महाभारत के शांति पर्व में भी उल्लेखित किया गया है। इसे हिंदू धर्म में अत्यंत पवित्र और फलदायी माना गया है। विष्णु सहस्रनाम का पाठ न केवल आध्यात्मिक शांति प्रदान करता है, बल्कि इसे करने से जीवन में आने वाली बाधाओं का निवारण होता है।विष्णु सहस्रनाम का उल्लेख महाभारत में भी मिलता है। जब पितामह भीष्म शरशैया पर लेटे हुए थे, तब उन्होंने युधिष्ठिर को विष्णु सहस्रनाम का महत्व समझाया। यह पाठ न केवल आध्यात्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि इसके माध्यम से आत्मा और परमात्मा का मिलन भी संभव है। यह पाठ भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त करने का सरल और प्रभावी उपाय है।

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